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रद करें डाउनलोड शेर

लेखक : शायर लखनवी

संस्करण संख्या : 001

प्रकाशक : शायर लखनवी

प्रकाशन वर्ष : 1979

भाषा : Urdu

श्रेणियाँ : शाइरी

उप श्रेणियां : ग़ज़ल

पृष्ठ : 257

सहयोगी : अंजुमन तरक़्क़ी उर्दू (हिन्द), देहली

ज़ख्म-ए-हुनर
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पुस्तक: परिचय

زیر تبصرہ کتاب "زخم ہنر" شاعر لکھنوی کا شعری مجموعہ ہے، یہ مجموعہ غزلوں پر مشتمل ہے، شاعر لکھنوی غزل کے شاعر ہیں، اس مجموعہ میں شامل غزلوں کے مطالعہ کی روشنی میں کہا جاسکتا ہے کہ انہوں نے غزلوں کے روایتی موضوعات کو بڑی خوبی و خوبصورتی کے ساتھ برتا ہے، محبوب کا سراپا اور اس کی ادائیں، اس کے علاوہ ہجر و وصال کا تذکرہ ان کی غزلوں کا انتہائی دلکش پہلو ہے، وہ محبوب کے خوشی میں خوش ہیں، ہجر و وصال سے سروکار نہیں۔ عہد حاضر کے مصائب و مسائل اور سیاسی رہنماؤں کی کیفیات کاتذکرہ بھی ان کے یہاں موجود ہے لیکن غزل کے جمالیاتی پہلو پر آنچ نہیں آئی ہے، اور غزل کے پیکر کو دلکش بنانے میں کوئی کمی باقی نہیں رکھی گئی ہے۔ کتاب کا مطالعہ غزل کے حسن کو عیاں کرتا ہے، کتاب کے شروع میں فرمان فتح پوری اور مسعود احمد برکاتی کے مضامین شامل ہیں، جو شاعر لکھنوی کے کلام اور شخصیت کی خوبیوں کو آشکار کرتے ہیں۔

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लेखक: परिचय

शायर लखनवी (मुहम्मद हसन पाशा) लखनऊ के पारंपरिक अंदाज़ की शायरी से अलग हट कर अपनी शायरी के लिए नया अंदाज़ पैदा करने की वजह से जाने जाते हैं। इसी वजह से फ़रमान फ़तहपुरी ने उन्हें लखनऊ का ग़ैर लखनवी शायर घोषित किया है। उनकी पैदाइश लखनऊ में 1917 को हुई। लखनऊ के शे’र-ओ-अदब के परिवेश में दीक्षा और उस्ताद शायरों के सामिप्य ने उनके शे’री रूचि को आभा दी और बहुत छोटी उम्र में अच्छी शायरी करने लगे।

1948 में वह पाकिस्तान चले गये, जीविकोपार्जन के लिए रेडियो पाकिस्तान में नौकरी कर ली। ‘पाकिस्तान हमारा है’ शीर्षक से उनके रेडियो फ़ीचर बहुत लोकप्रिय हुए। शायर लखनवी ने बच्चों के लिए भी नज़्में लिख़ी।

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