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सलाम

काव्य विधा में "सलाम" ऐसी नातिया या मंक़बती नज़्म को कहते हैं, जिस में कवि ने कहीं न कहीं स्पष्ट शब्दों में अपने ममदूह को सलाम भेंट किया हो। उर्दू में सलाम लिखने की परंपरा बहुत पुरानी है। रेख़्ता ने यहाँ उर्दू सलामों का संग्रह प्रस्तुत किया है। आपको ज़रूर पढ़ना चाहिए।

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