Font by Mehr Nastaliq Web

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर

आह हमराज़ कौन है अपना

मुसहफ़ी ग़ुलाम हमदानी

आह हमराज़ कौन है अपना

मुसहफ़ी ग़ुलाम हमदानी

MORE BYमुसहफ़ी ग़ुलाम हमदानी

    आह हमराज़ कौन है अपना

    बख़्त-ए-ना-साज़ कौन है अपना

    किस के कहलाएँ हम कि तेरे सिवा

    बुत-ए-तन्नाज़ कौन है अपना

    बात कह दे है वो तह-ए-दिल की

    ऐसा ग़म्माज़ कौन है अपना

    ले उड़ते तू ही गर हम को तो फिर

    शौक़-ए-परवाज़ कौन है अपना

    वस्ल होता नहीं, नहीं मा'लूम

    ख़लल-अंदाज़ कौन है अपना

    बोला देख आइना वो हैरत से

    चेहरा-पर्दाज़ कौन है अपना

    गो कि आँखें लड़ाएँ हम उस से

    याँ नज़र-बाज़ कौन है अपना

    शब-ए-फ़ुर्क़त में जुज़-दम-ए-क़ुलियाँ

    यार दम-साज़ कौन है अपना

    बे-नियाज़ी करे जो तू ही तो फिर

    हमा-नाज़ कौन है अपना

    'मुसहफ़ी' हम हैं और तन्हाई

    सच है अम्बाज़ कौन है अपना

    स्रोत :
    • पुस्तक : kulliyat-e-mas.hafii(Vol-4)(pdf) (पृष्ठ 74)
    • रचनाकार : Ghulam hamdani Mashafi
    • प्रकाशन : Qaumi council baraye -farogh urdu (2005)
    • संस्करण : 2005

    Additional information available

    Click on the INTERESTING button to view additional information associated with this sher.

    OKAY

    About this sher

    Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit. Morbi volutpat porttitor tortor, varius dignissim.

    Close

    rare Unpublished content

    This ghazal contains ashaar not published in the public domain. These are marked by a red line on the left.

    OKAY

    Jashn-e-Rekhta | 13-14-15 December 2024 - Jawaharlal Nehru Stadium , Gate No. 1, New Delhi

    Get Tickets
    बोलिए