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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

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भाई बदल गया कभी बेटा बदल गया

नियाज़ सुल्तानपुरी

भाई बदल गया कभी बेटा बदल गया

नियाज़ सुल्तानपुरी

MORE BYनियाज़ सुल्तानपुरी

    भाई बदल गया कभी बेटा बदल गया

    आया जो वक़्त ख़ून का रिश्ता बदल गया

    हर ज़ुल्म-ए-ना-रवा का मुख़ालिफ़ रहा था जो

    मंसब मिला तो उस का भी लहजा बदल गया

    वो सीधे-सादे लोग वो चौपाल अब कहाँ

    एक एक करके गाँव का नक़्शा बदल गया

    पत्थर वही गली भी वही लोग भी वही

    लेकिन सितम-शिआ'र का पेशा बदल गया

    दरिया-दिली पे अपनी बहुत नाज़ था उसे

    देखी हमारी प्यास तो रस्ता बदल गया

    कैसे हमारे गाँव का होता कोई विकास

    कुर्सी बदल गई कभी नेता बदल गया

    अब इंक़िलाब-ए-दहर की बातें कहाँ 'नियाज़'

    जिस फ़िक्र-ओ-फ़न पे नाज़ था कब का बदल गया

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