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दिल लगाने की जगह आलम-ए-ईजाद नहीं

यगाना चंगेज़ी

दिल लगाने की जगह आलम-ए-ईजाद नहीं

यगाना चंगेज़ी

MORE BYयगाना चंगेज़ी

    दिल लगाने की जगह आलम-ए-ईजाद नहीं

    ख़्वाब आँखों ने बहुत देखे मगर याद नहीं

    आज असीरों में वो हंगामा-ए-फ़रियाद नहीं

    शायद अब कोई गुलिस्ताँ का सबक़ याद नहीं

    सर-ए-शोरीदा सलामत है मगर क्या कहिए

    दस्त-ए-फ़रहाद नहीं तेशा-ए-फ़रहाद नहीं

    तौबा भी भूल गए इश्क़ में वो मार पड़ी

    ऐसे औसान गए हैं कि ख़ुदा याद नहीं

    दुश्मन दोस्त से आबाद हैं दोनों पहलू

    दिल सलामत है तो घर इश्क़ का बर्बाद नहीं

    फ़िक्र-ए-इमरोज़ अंदेशा-ए-फ़र्दा की ख़लिश

    ज़िंदगी उस की जिसे मौत का दिन याद नहीं

    निकहत-ए-गुल की है रफ़्तार हवा की पाबंद

    रूह क़ालिब से निकलने पे भी आज़ाद नहीं

    ज़िंदा हैं मुर्दा-परस्तों में अभी तक 'ग़ालिब'

    मगर उस्ताद 'यगाना' सा अब उस्ताद नहीं

    RECITATIONS

    फ़सीह अकमल

    फ़सीह अकमल,

    फ़सीह अकमल

    दिल लगाने की जगह आलम-ए-ईजाद नहीं फ़सीह अकमल

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