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फ़रियाद भी है सू-ए-अदब अपने शहर में

ख़ातिर ग़ज़नवी

फ़रियाद भी है सू-ए-अदब अपने शहर में

ख़ातिर ग़ज़नवी

MORE BYख़ातिर ग़ज़नवी

    फ़रियाद भी है सू-ए-अदब अपने शहर में

    हम फिर रहे हैं मोहर-ब-लब अपने शहर में

    अब क्या दयार-ए-ग़ैर में ढूँडें हम आश्ना

    अपने तो ग़ैर हो गए सब अपने शहर में

    अब इम्तियाज़-ए-दुश्मनी-ओ-दोस्ती किसे

    हालात हो गए हैं अजब अपने शहर में

    जो फूल आया सब्ज़ क़दम हो के रह गया

    कब फ़स्ल-ए-गुल है फ़स्ल-ए-तरब अपने शहर में

    जो राँदा-ए-ज़माना थे अब शहरयार हैं

    किस को ख़याल-ए-नाम-ओ-नसब अपने शहर में

    इक आप हैं कि सारा ज़माना है आप का

    इक हम कि अजनबी हुए अब अपने शहर में

    'ख़ातिर' अब अहल-ए-दिल भी बने हैं ज़माना-साज़

    किस से करें वफ़ा की तलब अपने शहर में

    RECITATIONS

    नोमान शौक़

    नोमान शौक़,

    नोमान शौक़

    फ़रियाद भी है सू-ए-अदब अपने शहर में नोमान शौक़

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