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ग़म है वहीं प ग़म का सहारा गुज़र गया

अदीम हाशमी

ग़म है वहीं प ग़म का सहारा गुज़र गया

अदीम हाशमी

MORE BYअदीम हाशमी

    ग़म है वहीं ग़म का सहारा गुज़र गया

    दरिया ठहर गया है किनारा गुज़र गया

    बस ये सफ़र हयात का इतनी सी ज़िंदगी

    क्यूँ इतनी जल्दी रास्ता सारा गुज़र गया

    वो जिस की रौशनी से चमकना था बख़्त को

    किस आसमान से वो सितारा गुज़र गया

    क्या ज़िक्र उस घड़ी का कड़ी थी कि सहल थी

    जो वक़्त जिस तरह भी गुज़ारा गुज़र गया

    तफ़्हीम-ए-दोस्ती में बड़ी भूल हो गई

    फिर दूर से ही दोस्त हमारा गुज़र गया

    कर के यक़ीन फिर से कि मैं मुश्किलों में हूँ

    ठहरा नहीं वो शख़्स दोबारा गुज़र गया

    इक वक़्त ख़ुश-नसीब सा आया तो था 'अदीम'

    मद्धम सी इक सदा में पुकारा गुज़र गया

    मुजरिम हुआ था आँख झपकने का मैं 'अदीम'

    जो ज़ेहन में बसा था नज़ारा गुज़र गया

    स्रोत :
    • पुस्तक : Faasle aise bhii ho.nge (पृष्ठ 112)
    • रचनाकार : Adeem Hashmi
    • प्रकाशन : Rumail House of Publications (2009)
    • संस्करण : 2009

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