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है दम अपना अपना अदम अपना अपना

फ़ारुक़ अहमद बट

है दम अपना अपना अदम अपना अपना

फ़ारुक़ अहमद बट

MORE BYफ़ारुक़ अहमद बट

    है दम अपना अपना अदम अपना अपना

    यहाँ हर किसी को है है ग़म अपना अपना

    नहीं कोई तक़लीद अब ख़ुद-सरी है

    सभी का है नक़्श-ए-क़दम अपना अपना

    कहाँ कोई बंदा कहाँ बंदगी है

    मगर चाहते हैं हरम अपना अपना

    हर इक शख़्स का इक अलग फ़ल्सफ़ा है

    सनम दीन दोज़ख़ इरम अपना अपना

    तिरी बज़्म की है ये राहत घड़ी भर

    चलेंगे सभी ले के ग़म अपना अपना

    'फ़िदा' किस मुसन्निफ़ की तसनीफ़ क्या है

    समझ अपनी अपनी क़लम अपना अपना

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