हिनाई जलती पोरें सब्र का फल दिल का दरवाज़ा
हिनाई जलती पोरें सब्र का फल दिल का दरवाज़ा
सिकुड़ती दस्तकें हैरत मुक़फ़्फ़ल दिल का दरवाज़ा
कहीं पर हब्स का मेहवर कहीं उजलत हवाओं की
कहीं पर बिजली पहने ओढ़े बादल दिल का दरवाज़ा
महकती आस की दीवार से काई उखड़ती है
बने जब सर की चुनरी और आँचल दिल का दरवाज़ा
तनाब-ए-ख़ेमा-ए-एहसास की वहशत समेटेगा
अगर खुल जाए सहरा पर मुकम्मल दिल का दरवाज़ा
तमन्ना-ए-सदा मतलूब आग़ुश्ता ब-ख़ूँ-मंज़र
ख़मोश-ओ-ख़स्ता इक मुद्दत से पागल दिल का दरवाज़ा
भटकती आँख ग़म हैरत अज़िय्यत रेशमी पर्दे
उलझती नींद ऐंठन ख़्वाब मख़मल दिल का दरवाज़ा
पराया हिज्र ख़ामियाज़े की उलझन मल्गजे 'इरशाद'
सिसकता वस्ल कालक आँख ओझल दिल का दरवाज़ा
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