ख़लाओं में हमें खोना नहीं है
रोचक तथ्य
شمس الرحمن فاروقی کی غزل سے متاثر ہو کر
ख़लाओं में हमें खोना नहीं है
ज़मीं का भी मगर होना नहीं है
अजब अहवाल है इमरोज़ अपना
बहुत है ग़म मगर रोना नहीं है
बड़ी दुनिया है हम भी जानते हैं
मगर अपना तो इक कोना नहीं है
हमीं से माँगता है फल ज़माना
हमें तो बीज ही बोना नहीं है
करें क्या जानवर बीमार है पर
हमारे हाथ कुछ टोना नहीं है
हमारे फ़लसफ़े में हाँ नहीं गर
तो होंटों पर भी अपने ना नहीं है
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