किसी के नाम रुत्बा और न ख़द्द-ओ-ख़ाल से मतलब
किसी के नाम रुत्बा और न ख़द्द-ओ-ख़ाल से मतलब
किरामन कातिबीं को ख़ल्क़ के आ'माल से मतलब
ये बस साँसों की लय पर नाम उस का जपते रहते हैं
फ़क़ीरों को नहीं होता मियाँ सुर ताल से मतलब
मयस्सर आईं उन को ज़िंदगी की सारी सौग़ातें
जिन्हें है इस जहाँ में शौकत-ओ-इक़बाल से मतलब
अगर इस दौर में उठना है तो उठ जाने दे मौला
किसी मोमिन को क्यों हो फ़ित्ना-ए-दज्जाल से मतलब
वगर्ना कौन रंगीनी के पीछे भागे दुनिया की
है जब तक ज़िंदगी तब तक है इस जंजाल से मतलब
हम अपनी धुन में हर-दम महव रहते हैं हमें ऐ दिल
ग़रज़ ख़ुशियों की साज़िश से न ग़म की चाल से मतलब
सगान-ए-दहर का है काम यूँही भौंकते रहना
मगर अल्लाह वालों को है अपनी चाल से मतलब
वो जब ऐ 'शाद' अमानत ग़ैर की हो ही गया है तो
न रख तू भी अब उस के रेशमी रूमाल से मतलब
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