Font by Mehr Nastaliq Web

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर

माँगी मिल-जुल कर जो रिंदों ने दुआ बरसात की

शोला करारवी

माँगी मिल-जुल कर जो रिंदों ने दुआ बरसात की

शोला करारवी

MORE BYशोला करारवी

    रोचक तथ्य

    (Krishna Kunj Bagh Munshi Ram Parshad Mithi Ganj Allahabad)

    माँगी मिल-जुल कर जो रिंदों ने दुआ बरसात की

    झूम कर ही गई काली घटा बरसात की

    क्यूँ हूँ काली घटाएँ बर्क़-ज़ा बरसात की

    आग पानी में लगाती है हवा बरसात की

    अपनी उम्मीदों की खेती है हवा बरसात की

    साल-भर तक माँगते हैं हम दुआ बरसात की

    रूह-परवर है बहार-ए-जाँ-फ़ज़ा बरसात की

    कितनी फ़रहत-बख़्श है ठंडी हवा बरसात की

    सब्ज़ा-ए-ख़्वाबीदा जागे जी उठी मुर्दा ज़मीं

    कर गई कार-ए-मसीहाई अदा बरसात की

    इब्तिदा जान-ए-ख़रीफ़ और इंतिहा रूह-ए-रबी

    इब्तिदा भी है वही जो इंतिहा बरसात की

    अल्लाह अल्लाह गेसू-ए-मुश्कीं-ओ-शब-गूँ की बहार

    आसमाँ पर जिस तरह काली घटा बरसात की

    इलतिहाब-ओ-सोज़-ए-दिल हैं बाइस-ए-सैलाब-ए-अश्क

    है अज़ल के दिन से गर्मी रहनुमा बरसात की

    अपने मिटने के तसव्वुर में है रोता आसमाँ

    और हक़ीक़त कुछ नहीं उस के सिवा बरसात की

    मेरे अश्कों की झड़ी से पानी पानी हो गई

    बन आई ऐसी कुछ बिगड़ी हवा बरसात की

    अपने दामन में लिए ज़ीनत उरूस-ए-नौ-बहार

    ओढ़ कर आई है गुलशन में रिदा बरसात की

    सर्द-ओ-गर्म-ए-दहर ने खींचा वो ख़त्त-ए-एतिदाल

    ठीक उतरी जिस्म-ए-फ़ितरत पर क़बा बरसात की

    ये ग़ज़ल लिक्खी तो है 'शो'ला' मगर अज़ रू-ए-फ़न

    दे गई चरका शिकस्त-ए-ना-रवा बरसात की

    स्रोत :
    • पुस्तक : Naghmah-e-Fikr (पृष्ठ 125)
    • रचनाकार : Shola Saiyed Momin Husain Taqvi Kararivi
    • प्रकाशन : Shabistan 218 Shahah ganj Allahabad (1968)
    • संस्करण : 1968

    Additional information available

    Click on the INTERESTING button to view additional information associated with this sher.

    OKAY

    About this sher

    Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit. Morbi volutpat porttitor tortor, varius dignissim.

    Close

    rare Unpublished content

    This ghazal contains ashaar not published in the public domain. These are marked by a red line on the left.

    OKAY
    बोलिए