मेरे दिल में क्यों पहला सा दर्द नहीं आलाम नहीं
मेरे दिल में क्यों पहला सा दर्द नहीं आलाम नहीं
मुहम्मद हसन अहसन मालिगानवि
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मेरे दिल में क्यों पहला सा दर्द नहीं आलाम नहीं
मिल तो गया है क़िस्मत से आराम मगर आराम नहीं
साक़ी तेरी महफ़िल में ये तुरफ़ा-तमाशा क्या मा'नी
मेरे हाथ में साज़ है लेकिन तेरे हाथ में जाम नहीं
ग़ुंचा चटका पत्ता खड़का या दिल धड़का किस को ख़बर
कुछ भी सही ऐ मय-ख़्वारो आवाज़-ए-शिकस्त-ए-जाम नहीं
ख़िदमत-ए-उर्दू पेश-ए-नज़र है 'अहसन' का पेशा न समझ
अहल-ए-सुख़न में नाम है बे-शक लेकिन वो बदनाम नहीं
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