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न एहतिजाज न आवारगी में देख मुझे

असअ'द बदायुनी

न एहतिजाज न आवारगी में देख मुझे

असअ'द बदायुनी

MORE BYअसअ'द बदायुनी

    एहतिजाज आवारगी में देख मुझे

    जो हो सके तो मिरी रौशनी में देख मुझे

    गुल-ए-हवस भी है शाख़-ए-विसाल का हिस्सा

    चराग़-ए-लाला की ताज़ा कली में देख मुझे

    वज़ाहतों से तू कुछ भी समझ पाएगा

    कभी ग़ुबार कभी तीरगी में देख मुझे

    फ़ज़ा-ए-याद में तब्दीलियाँ नहीं होतीं

    जदीद शख़्स पुरानी गली में देख मुझे

    सितारा ताब ज़माने की यादगार हूँ मैं

    किसी मलाल शर्मिंदगी में देख मुझे

    मैं एक बूँद सर-ए-नोक-ए-ख़ार-ए-सहरा हूँ

    तुलू-ए-सुब्ह-ए-दम-ए-आख़िरी में देख मुझे

    मिरे बयान के जाह-ओ-जलाल पर मत जा

    मिरे ख़याल की पस-मांदगी में देख मुझे

    स्रोत :
    • पुस्तक : Kulliyat-e-Asad Badayuni (पृष्ठ 414)
    • रचनाकार : Asad Badayuni
    • प्रकाशन : National Council for Promotion of Urdu language-NCPUL (Asad Badayuni)
    • संस्करण : Asad Badayuni

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