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फूलों की चाँद तारों की महफ़िल फ़रेब है

आरिफ़ नक़्शबंदी

फूलों की चाँद तारों की महफ़िल फ़रेब है

आरिफ़ नक़्शबंदी

MORE BYआरिफ़ नक़्शबंदी

    फूलों की चाँद तारों की महफ़िल फ़रेब है

    रंगीं हक़ीक़तों में भी शामिल फ़रेब है

    पानी के मद्द-ओ-जज़्र को समझा है ज़िंदगी

    मौजें भी हैं फ़रेब जो साहिल फ़रेब है

    रंगीनी-ए-हयात का आलम पूछिए

    हर आरज़ू फ़रेब है हर दिल फ़रेब है

    महसूस दिल में दर्द सा होने लगा है क्यूँ

    क्या प्यार की नज़र में भी शामिल फ़रेब है

    बस रुक गया तो रुक गया उल्फ़त की राह में

    मंज़िल कर क़ुबूल कि मंज़िल फ़रेब है

    उन की निगाह-ए-लुत्फ़ है 'आरिफ़' की ज़िंदगी

    क्या ग़म अगर हयात में शामिल फ़रेब है

    स्रोत :
    • पुस्तक : Lamhoon Ki Dhadkane (पृष्ठ 239)

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