राज़ है इबरत-असर फ़ितरत की हर तहरीर का
राज़ है इबरत-असर फ़ितरत की हर तहरीर का
मुसहफ़-ए-नातिक़ कहाँ मुहताज ही तफ़्सीर का
मा'नी-ए-क़द्र-ओ-क़ज़ा है नौ-बहार-ए-लाला-रंग
हर दिल-ए-ज़र्रा में है जज़्बा नई ता'मीर का
हिकमत-ए-आदम से है रौशन शबिस्तान-ए-जहाँ
नफ़्स-ए-मक़्सद है हुवैदा ख़ालिक़-ए-तक़दीर का
काविश-ए-पैहम से दुनिया की फ़ज़ा जन्नत-अदा
ये तसर्रुफ़ है बशर की क़ुव्वत-ए-तस्ख़ीर का
दौलत-ए-कौनैन मुश्त-ए-ख़ाक के दामन में है
आदमी मे'मार है आफ़ाक़ की तक़दीर का
बहर-ए-इम्काँ में हबाब-आसा है कश्ती-ए-वजूद
नक़्श-ए-फ़ानी हर तमव्वुज सैल-ए-आफ़त-गीर का
पैकर-ए-ख़ाकी जहान-ए-मख़्ज़न-ए-असरार है
आदमी शहकार है अल्लाह की तक़दीर का
ख़ून से मजबूर के दश्त-ए-जहाँ जन्नत-बदोश
शिद्दत-ए-मेहनत से दिलकश रंग है तस्वीर का
नाला-ए-बुलबुल से फ़स्ल-ए-गुल गरेबाँ चाक है
ग़ुंचा ग़ुंचा सैद है बाद-ए-सहर के तीर का
मौजज़न है क़तरा-ए-शबनम में सैल-ए-ज़िंदगी
ज़र्रा-ए-कमतर है मेहवर मेहर-ए-पुर-तनवीर का
इज़्तिराब-ए-शौक़ में दिल हाथ से जाता रहा
ये असर है हम-नशीं तक़रीर-ए-पुर-तासीर का
नश्तर-ए-वहशत नफ़स मौज-ए-नफ़स की सर-कशी
आलम-ए-ताज़ीर है दोज़ख़ मिरी तक़्सीर का
फ़क़्र पर ईसार से हैं मुतमइन रूह-ओ-ज़मीर
दर्द-ए-दिल है ख़ास मख़्ज़न इश्क़ की जागीर का
ज़र्रे ज़र्रे से है ज़ाहिर शाहिद-ए-हर-दो-जहाँ
आइना 'बेबाक' दिल है ख़ालिक़-ए-तक़दीर का
Additional information available
Click on the INTERESTING button to view additional information associated with this sher.
About this sher
Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit. Morbi volutpat porttitor tortor, varius dignissim.
rare Unpublished content
This ghazal contains ashaar not published in the public domain. These are marked by a red line on the left.