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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

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रंज हो या कोई ख़ुशी अपनी

नसीम नियाज़ी

रंज हो या कोई ख़ुशी अपनी

नसीम नियाज़ी

रंज हो या कोई ख़ुशी अपनी

तुझ से वाबस्ता ज़िंदगी अपनी

नाम तेरा वज़ीफ़ा-ए-दिल-ओ-जाँ

प्यार तेरा है बंदगी अपनी

दिल का रिश्ता अटूट रिश्ता है

निस्बतें तुझ से दाइमी अपनी

दिल लगा कर किसी से देख लिया

रंग लाई है दिल-लगी अपनी

उस नज़र का अजीब अफ़्सूँ था

ज़िंदगी जिस में खो गई अपनी

सुन तो लीजे फ़साना-ए-ग़म-ए-दिल

रोक लीजे ज़रा हँसी अपनी

उन को देखा तो ये लगा है 'नसीम'

आज दिल की कली खिली अपनी

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