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शब-ए-ग़म मुख़्तसर सी हो गई है

मुख़्तार हाशमी

शब-ए-ग़म मुख़्तसर सी हो गई है

मुख़्तार हाशमी

MORE BYमुख़्तार हाशमी

    शब-ए-ग़म मुख़्तसर सी हो गई है

    हयात अब मो'तबर सी हो गई है

    नई राहें निकलती रही हैं

    ये लग़्ज़िश राहबर सी हो गई है

    वफ़ा की ख़ू जिद्दत दुश्मनी में

    ये दुनिया बे-हुनर सी हो गई है

    मिरी बे-चारगी क्या पूछते हो

    वो अब तो चारा-गर सी हो गई है

    झुकी रहने लगी हैं अब वो नज़रें

    फ़ुग़ाँ कुछ कार-गर सी हो गई है

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