शजर के भीतर छाती चिड़िया
शजर के भीतर छाती चिड़िया
सम्तों को धराती चिड़िया
नन्ही नाज़ुक काली रंगत
शजर सफेदा पाती चिड़िया
गुल होती ख़ुशबू के तन में
बीनाई को लाती चिड़िया
रात के लाज़िम अँधियारे में
सूरज को बहलाती चिड़िया
काली रंगत नीली बातें
आँखों को उजलाती चिड़िया
होंटों की ख़ुशबू की जानिब
आती और शरमाती चिड़िया
बहते पानी की सूरत से
लोहू को महकाती चिड़िया
बारिश के थमते आँगन में
शजर शजर बह जाती चिड़िया
- पुस्तक : Mehraab (पृष्ठ 127)
- रचनाकार : Ahmed Mushtaq
- प्रकाशन : Maktaba Mehrab Pak Tea House Share Qaid-e-azam (1977)
- संस्करण : 1977
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