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तिलिस्म-ए-इस्म-ए-मोहब्बत है दरपय-ए-दर-ए-दिल

अय्यूब ख़ावर

तिलिस्म-ए-इस्म-ए-मोहब्बत है दरपय-ए-दर-ए-दिल

अय्यूब ख़ावर

MORE BYअय्यूब ख़ावर

    तिलिस्म-ए-इस्म-ए-मोहब्बत है दरपय-ए-दर-ए-दिल

    कोई बताए अब उस का करे तो क्या करे दिल

    फ़ुसून-ए-जुम्बिश-ए-मिज़्गाँ पूछिए सर-ए-राह

    पुकारते ही रहे हम अरे अरे अरे दिल

    फिर इस के ब'अद हमें ये भी तो नहीं रहा याद

    नज़र गिरी है कहाँ खो गया कहाँ ज़र-ए-दिल

    क़दम क़दम पे तिरा ग़म है ख़ेमा-ज़न मिरी जाँ

    हुमक भरे भी तो आख़िर बता कहाँ भरे दिल

    ये कुंज-ए-लब ये ख़ुमार-ए-विसाल अपनी जगह

    मगर जो हिज्र मुसलसल बपा है बरसर-ए-दिल

    ये तू जो मोहर-ब-लब है तो किस लिए 'ख़ावर'

    ये देख क्या है तह-ए-दिल है और क्या सर-ए-दिल

    स्रोत :
    • पुस्तक : Sehmaahi Aamad (पृष्ठ 140)
    • रचनाकार : Azeema Firdausi
    • प्रकाशन : Arzoo Manzil, Sheesh Mahal Colony, Alamganj, Patna (Volume:2, Issue:5, Oct. Dec 2013)
    • संस्करण : Volume:2, Issue:5, Oct. Dec 2013

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