तुम अच्छे थे तुम को रुस्वा हम ने किया
तुम अच्छे थे तुम को रुस्वा हम ने किया
फिर कहना, क्या तुम ने कहा, क्या हम ने किया
आँसू सारे पलकों ही में जज़्ब हुए
दरिया को तस्वीर-ए-दरिया हम ने किया
ऐ मेरे दिल तन्हा दिल चुप चुप रहना
पहले भी तो शोर किया, क्या हम ने किया
नक़्श-गरो! कब हम ने मंज़र बदला है
चाँदी बाल और चेहरा सोना हम ने किया
आँसू ने दिल का हर दाग़ मिटा डाला
पानी से फिर नक़्श हुवैदा हम ने किया
ख़ाक जो सहरा सहरा उड़ती फिरती थी
सर में डाली, एक तमाशा हम ने किया
ब'अद अपने अब कौन भला याँ आएगा
अपने नाम पे ख़त्म ये ख़ुत्बा हम ने किया
- पुस्तक : Funoon (Monthly) (पृष्ठ 301)
- रचनाकार : Ahmad Nadeem Qasmi
- प्रकाशन : 4 Maklood Road, Lahore (Edition Nov. Dec. 1985,Issue No. 23)
- संस्करण : Edition Nov. Dec. 1985,Issue No. 23
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