वो किसी से कभी नहीं करता
वो किसी से कभी नहीं करता
बात बे-मौसमी नहीं करता
जिस का दिल सोज़-ए-ग़म से रौशन हो
तीरगी तीरगी नहीं करता
हर कोई इस जहान में साहिब
बेबसी बेबसी नहीं करता
जो वफ़ा को वफ़ा समझता है
बात वो बे-रुख़ी नहीं करता
मुश्किलों में रह के भी बा-हिम्मत
आदमी ख़ुद-कुशी नहीं करता
जिस के दिल में ख़याल-ए-उक़्बा हो
ज़िंदगी ज़िंदगी नहीं करता
वो जो 'इरफ़ान' कल मिला था मुझे
इश्क़ में दिल-लगी नहीं करता
- पुस्तक : حاشیےمیں نیکیاں (पृष्ठ 78)
- रचनाकार : عرفانؔ شاہ نوری
- प्रकाशन : الفاظ پبلی کیشن، کامٹی (2019)
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