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वो तो मेरा अपना था

आरिफ हसन  ख़ान

वो तो मेरा अपना था

आरिफ हसन ख़ान

MORE BYआरिफ हसन ख़ान

    वो तो मेरा अपना था

    जिस ने मुझ को लूटा था

    मौत पे मेरी रोता था

    मेरा क़ातिल भोला था

    सब जग सूना सूना था

    जब मैं तुझ से बिछड़ा था

    धुँद सी छाई थी हर-सू

    कल का सूरज कैसा था

    कोई बिरहन गाती थी

    दर्द भरा इक नग़्मा था

    डरता डरता सा मुझ से

    मेरा अपना साया था

    मैं बर्फ़ानी रातों में

    हिज्र की आग में जलता था

    राह-ए-वफ़ा में पैर रख

    इक दीवाना कहता था

    इंसानों के जंगल में

    'आरिफ़' बिल्कुल तन्हा था

    स्रोत :
    • पुस्तक : Kuchh Nazmen Kuchh Ghazalen (पृष्ठ 121)
    • रचनाकार : Arif Hasan Khan
    • प्रकाशन : Arif Hasan Khan (2011)
    • संस्करण : 2011

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