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ये ज़मीं चाँद सितारों का बदल कैसे हो

अशफ़ाक़  हुसैन

ये ज़मीं चाँद सितारों का बदल कैसे हो

अशफ़ाक़ हुसैन

MORE BYअशफ़ाक़ हुसैन

    ये ज़मीं चाँद सितारों का बदल कैसे हो

    सोचता मैं भी बहुत कुछ हूँ अमल कैसे हो

    सूरत-ए-हाल बदल जाती है इक लम्हे में

    आदमी अपने इरादों में अटल कैसे हो

    किन दरख़्तों से लगा रक्खी है उम्मीद-ए-समर

    शाख़ ही जब हो सरसब्ज़ तो फल कैसे हो

    सोचते कुछ हैं अमल कुछ है नतीजा कुछ है

    ऐसी सूरत में कोई मसअला हल कैसे हो

    दर्द से कोई इलाक़ा तअ'ल्लुक़ ग़म से

    सिर्फ़ लफ़्ज़ों के बरतने से ग़ज़ल कैसे हो

    हर मुलाक़ात अधूरी रही इस उलझन में

    या'नी इज़हार-ए-मोहब्बत में पहल कैसे हो

    मेरे महबूब का उर्दू से है रिश्ता कम-कम

    मैनूँ आँदी नईं पंजाबी ते गल कैसे हो

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