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अबू-लहब की शादी

नून मीम राशिद

अबू-लहब की शादी

नून मीम राशिद

MORE BYनून मीम राशिद

    शब-ए-ज़फ़ाफ़-ए-अबू-लहब थी मगर ख़ुदाया वो कैसी शब थी

    अबू-लहब की दुल्हन जब आई तो सर पे ईंधन गले में

    साँपों के हार लाई उस को मश्शातगी से मतलब

    माँग ग़ाज़ा रंग रोग़न गले में साँपों

    के हार उस के तो सर पे ईंधन

    ख़ुदाया कैसी शब-ए-ज़फ़ाफ़-ए-अबू-लहब थी

    ये देखते ही हुजूम बिफरा भड़क उठे यूँ ग़ज़ब

    कि शोले के जैसे नंगे बदन पे जाबिर के ताज़ियाने

    जवान लड़कों की तालियाँ थी सेहन में शोख़

    लड़कियों के थिरकते पाँव थिरक रहे थे

    नग़्मा बाक़ी शादयाने

    अबू-लहब ने ये रंग देखा लगाम थामी लगाई

    महमेज़ अबू-लहब की ख़बर आई

    अबू-लहब की ख़बर जो आई तो साल-हा-साल का ज़माना

    ग़ुबार बन कर बिखर चुका था

    अबू-लहब अजनबी ज़मीनों के लाल गौहर समेट कर

    फिर वतन को लौटा हज़ार तर्रार तेज़ आँखें पुराने

    ग़ुर्फों से झाँक उट्ठीं हुजूम पीर जवाँ का

    गहरा हुजूम अपने घरों से निकला अबू-लहब के जुलूस

    को देखने को लपका

    अबू-लहब इक शब-ए-ज़फ़ाफ़-ए-अबू-लहब का जला

    फफूला ख़याल की रेत का बगूला वो इश्क़-ए-बर्बाद

    का हेयूला हुजूम में से पुकार उट्ठी अबू-लहब

    तू वही है जिस की दुल्हन जब आई तो सर पे ईंधन

    गले में साँपों के हार लाई

    अबू-लहब एक लम्हा ठिठका लगाम थामी लगाई

    महमेज़ अबू-लहब की ख़बर आई

    RECITATIONS

    नोमान शौक़

    नोमान शौक़,

    नोमान शौक़

    अबू-लहब की शादी नोमान शौक़

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