बब्लू का गीत इस्कूल जाने से पहले
रोचक तथ्य
(With excuse to Moin Ahsan Jazbi)
अपने बढ़ते हुए बालों को कटा लूँ तो चलूँ
ग़ुस्ल-ख़ाने में ज़रा धूम मचा लूँ तो चलूँ
और एक केक मज़ेदार सा खा लूँ तो चलूँ
अभी चलता हूँ ज़रा प्यास बुझा लूँ तो चलूँ
रात में इक बड़ा दिलचस्प तमाशा देखा
मुझ से मत पूछ मिरे यार कि क्या क्या देखा
ठीक कहते हो मधुर सा कोई सपना देखा
आँख तो मल लूँ ज़रा होश में आ लूँ तो चलूँ
मैं थका-हारा था इतने में मदारी आया
उस ने कुछ पढ़ के मिरे सर को ज़रा सहलाया
मैं ने ख़ुद को किसी रंगीन महल में पाया
ऐसे दो-चार महल और बना लूँ तो चलूँ
जाने क्या बात है बाजी को जो है मुझ से जलन
सब से कहती हैं कि इस लौंडे के बिगड़े हैं चलन
मुझ को पीटा तो मिरा अश्कों से भीगा दामन
अपने भीगे हुए दामन को सुखा लूँ तो चलूँ
मेरी आँखों में अभी तक है शरारत का ग़ुरूर
अपनी दानाई का या'नी कि हिमाक़त का ग़ुरूर
दोस्त कहते हैं इसे तो है ज़ेहानत का ग़ुरूर
ऐसे वहमों से अभी ख़ुद को निकालूँ तो चलूँ
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