ब्रेकिंग न्यूज़
तहय्युर ख़ौफ़ दहशत
बरबरिय्यत और अनोखे ज़ुल्म को
मानूस लफ़्ज़ों की क़बा पहना के
जब भी मीडिया से नश्र करते हैं
ब्रेकिंग न्यूज़ कहलाती है
और इस न्यूज़ में कोशिश ये की जाती है कि
वहशत-ज़दा माहौल में वीडियो कोई
ऐसी बना कर पेश की जाए
कि जिस को देख कर हम को यक़ीं आए
जहाँ में अब अँधेरे ही अँधेरे हैं
बहुत नायाब अब रौशन सवेरे हैं
कहीं जुगनू नहीं मिलते
कहीं पर गुल नहीं खिलते
हर इक सू चाक-दामानी
कहीं बख़िये नहीं सिलते
ब्रेकिंग न्यूज़ की इक दौड़ जारी है
कि पहले कौन सा चैनल
दिलों में दर्द भरता है
लहू को सर्द करता है
मैं सब से पूछती हूँ
मेरी दुनिया में कोई ऐसी ख़बर
जो आँख में आँसू न बन पाए
जो दिल को ख़ौफ़ के रस्ते न ले जाए
किसी इंसान की नेकी किसी बच्चे की ऐसी मुस्कुराहट
जो फ़रिश्तों जैसी लगती है
दयार-ए-इश्क़ की तस्ख़ीर या फिर वो मसर्रत
जो बहुत से आंसुओं के बा'द मिलती है
तक़द्दुस से भरा किरदार
सच्चाई वफ़ा ईमान-दारी सब्र हमदर्दी
ब्रेकिंग न्यूज़ आख़िर क्यूँ नहीं बनती
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