जा रे जा बदरा
जा रे जा बदरा
गरज बरस कहीं और
मुझ बिरहन को क्यों तड़पाए
कर के नाहक़ शोर
साजन बिन क्या सावन बदरा
बरस न मोरे आँगन बदरा
पीहू-पीहू मत बोल पपीहे
नाच न तू रे मोर
जा रे जा बदरा
गरज बरस कहीं और
जा कर तू परदेस ओ बदरा
पी को दे सन्देस ओ बदरा
अखियाँ मोरी तरस गई हैं
देखन को चित-चोर
जा रे जा बदरा
गरज बरस कहीं और
कड़-कड़ कड़-कड़ बजरी कड़के
धक-धक धक-धक जियरा धड़के
मैं बिरहन यूँ तड़प रही हूँ
ज्यूँ बिन चाँद चकोर
जा रे जा बदरा
गरज बरस कहीं और
मुझ बिरहन को क्यों तड़पाए
कर के नाहक़ शोर
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