जिप्सी
रख़्श-ए-ताज़ा पे तस्वीर
तनवीर
मेहमाँ गुरेज़ाँ जवाँ
काकुल-ए-नौ-ब-नौ में
दहकता हो सुर्ख़ सूरज
हसीं पैरहन गुल-बदन
कहकशाँ गुलसिताँ ज़ेर-ओ-बम यम-ब-यम ज़ेर-ओ-बम
शोख़ तर्रार सरगम
दिल-ए-बे-कराँ में
बरसते हुए मौसमों वादियों कोहसारों महकते हुए
मुर्ग़-ज़ारों
सुलगते हुए रेग-ज़ारों
लहू रंग जलती हुई रज़्म-गाहों की
सफ़्फ़ाक बरहम बरहना सदाओं का हंगाम
तनवीर
गुज़रे हुए ख़्वाब की कोई तस्वीर
तन्हा दरीचे में
इमरोज़ बे-नाम ख़ाके की सूरत निहाँ
वो शब-ओ-रोज़ साया फ़क़त एक साया
फ़क़त संग-ओ-आहन का बर्ग-ए-सियह
सुब्ह शबनम नहीं शाम सरगम नहीं
जिस्म बीमार दीवार सा पैरहन सिर्फ़ रस्म-ए-कुहन
पाँव में
बार-ए-वामांदगी
बार-ए-वामांदगी
सर्द कमरे की मानूस रंगों से बिछड़ी हुई रहगुज़र
वक़्त के फ़ासलों में सुलगता सफ़र
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