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नया तराना

सय्यदा फ़रहत

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सय्यदा फ़रहत

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    ये अपना वतन है अपना वतन है अपने वतन से प्यार हमें

    इस देस के हर ज़र्रे में नज़र आता है नया संसार हमें

    इस देस का पानी चाँदी है इस देस की मिट्टी सोना है

    भरपूर हसीं नज़्ज़ारों से इस देस का कोना कोना है

    ये अपना वतन है अपना वतन है अपने वतन से प्यार हमें

    इस देस के हर ज़र्रे में नज़र आता है नया संसार हमें

    इस देस में जमुना बहती है इस देस में गंगा लहराती

    बरसात में इस की मस्त पवन क्या गीत सुहाने है गाती

    ये अपना वतन है अपना वतन है अपने वतन से प्यार हमें

    इस देस के हर ज़र्रे में नज़र आता है नया संसार हमें

    ये देस अजंता एलोरा का ये ताज-महल का गहवारा

    ये सुब्ह-ए-बनारस शाम-ए-अवध कश्मीर का दिलकश नज़्ज़ारा

    ये अपना वतन है अपना वतन है अपने वतन से प्यार हमें

    इस देस के हर ज़र्रे में नज़र आता है नया संसार हमें

    वो कोह हिमाला इस में है आकाश से बातें करता है

    वो इस की शान बढ़ाता है वो इस की हिफ़ाज़त करता है

    ये अपना वतन है अपना वतन है अपने वतन से प्यार हमें

    इस देस के हर ज़र्रे में नज़र आता है नया संसार हमें

    इस देस की इज़्ज़त क्यूँ करें ये देस है गाँधी बापू का

    इस देस से क्यूँ प्यार हमें ये देस है चाचा नेहरू का

    ये अपना वतन है अपना वतन है अपने वतन से प्यार हमें

    इस देस के हर ज़र्रे में नज़र आता है नया संसार हमें

    आज़ाद इसी के सेवक थे ज़ाकिर थे इसी के रखवाले

    एक प्रेम नगर है देस है अपना मिलते हैं इसी में दिल वाले

    ये अपना वतन है अपना वतन है अपने वतन से प्यार हमें

    इस देस के हर ज़र्रे में नज़र आता है नया संसार हमें

    ये देस उसे अपनाएगा जो दिल से इस को चाहेगा

    इस देस के जो काम आएगा वो मर के अमर हो जाएगा

    ये अपना वतन है अपना वतन है अपने वतन से प्यार हमें

    इस देस के हर ज़र्रे में नज़र आता है नया संसार हमें

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