सब कुछ हो सकता है
सफ़ेद चमेली की हरी शाख़ों पर
सियाह गुलाब खिल सकता है
सितारे रात की ऊँघती सीढ़ियों से
छलांग लगा कर ज़मीन पर आ सकते हैं
चाँद और सूरज किसी आसमानी पुल में
मुलाक़ात पर मुत्तफ़िक़ हो सकते हैं
मकड़ी अपने जाले में
इंसान को फाँस सकती है
समुंदर दरिया के क़दमों में गिर सकता है
दरख़्तों पर हीरे उग सकते हैं
ज़मीन और आसमान सब से नज़र बचा कर
एक दूसरे को छू सकते हैं
दीवार चल सकती है
पत्थर बोल सकते हैं
यहाँ तक कि इस काएनात में
कुछ भी हो सकता है
मगर तुम ख़्वाब में भी
मेरे नहीं हो सकते
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