ताज-महल बनाएँगे
चाँद सितारों की दुनिया में इक दिन हम भी जाएँगे
नन्ही-मुन्नी प्यार की दुनिया मिल कर वहाँ बसाएँगे
सोने चाँदी की ईंटों को ढूँड के लाएँगे ताज-महल बनवाएँगे
चंदा-मामा की नगरी में फूल कहाँ से आएगा
रौनक़ अपने ताज-महल की आख़िर कौन बढ़ाएगा
अपने देस से हम फूलों को चुन-चुन कर ले जाएँगे ताज-महल बनवाएँगे
देस में चंदा के मिलते हैं ऐ अम्मी क्या ये भी फल
जामुन केला आम सपाटो नारंगी कटहल बरहल
मिलते हैं तो कह दो वर्ना आख़िर हम क्या खाएँगे ताज-महल बनवाएँगे
पानी तो मिल ही जाएगा उस की कोई फ़िक्र नहीं
होगा उस प्यारी दुनिया में बादल का भी देस कहीं
खोद के नहरें बादल ही को उस में ला बैठाएँगे ताज-महल बनवाएँगे
सुब्ह-सवेरे कोयल कोई गीत वहाँ भी गाती है
फूलों की डाली पे चिड़िया बैठ के फिर उड़ जाती है
जब ये चीज़ नहीं तो आख़िर लुत्फ़ वहाँ क्या पाएँगे ताज-महल बनवाएँगे
अपने देस की प्यारी चीज़ों का मिलना जब मुश्किल है
देस में चंदा के जो जाए समझो उस को जाहिल है
छोड़ के सारी दुनिया को हम अपना देस बसाएँगे ताज-महल बनवाएँगे
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