Font by Mehr Nastaliq Web

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर
Afzal Ahmad Syed's Photo'

अफ़ज़ाल अहमद सय्यद

1946 | कराची, पाकिस्तान

पाकिस्तान के अग्रणी शायरों में से एक, अपनी तहदार शायरी के लिए विख्यात।

पाकिस्तान के अग्रणी शायरों में से एक, अपनी तहदार शायरी के लिए विख्यात।

अफ़ज़ाल अहमद सय्यद के शेर

472
Favorite

श्रेणीबद्ध करें

कमान-ए-शाख़ से गुल किस हदफ़ को जाते हैं

नशेब-ए-ख़ाक में जा कर मुझे ख़याल आया

मैं दिल को उस की तग़ाफ़ुल-सरा से ले आया

और अपने ख़ाना-ए-वहशत में ज़ेर-ए-दाम रखा

इस दिल को किसी दस्त-ए-अदा-संज में रखना

मुमकिन है ये मीज़ान-ए-कम-ओ-बेश जला दे

यही बहुत थे मुझे नान आब शम्अ गुल

सफ़र-नज़ाद था अस्बाब मुख़्तसर रक्खा

उसे अजब था ग़ुरूर-ए-शगुफ़्त-ए-रुख़्सारी

बहार-ए-गुल को बहुत बे-हुनर कहा उस ने

किताब-ए-उम्र से सब हर्फ़ उड़ गए मेरे

कि मुझ असीर को होना है हम-कलाम उस का

मैं चाहता हूँ मुझे मशअलों के साथ जला

कुशादा-तर है अगर ख़ेमा-ए-हवा तुझ पे

किताब-ए-ख़ाक पढ़ी ज़लज़ले की रात उस ने

शगुफ़्त-ए-गुल के ज़माने में वो यक़ीं लाया

अता उसी की है ये शहद शोर की तौफ़ीक़

वही गलीम में ये नान-ए-बे-जवीं लाया

कमान-ए-ख़ाना-ए-अफ़्लाक के मुक़ाबिल भी

मैं उस से और वो फिर कज-कुलाह मुझ से हुआ

Recitation

Jashn-e-Rekhta | 13-14-15 December 2024 - Jawaharlal Nehru Stadium , Gate No. 1, New Delhi

Get Tickets
बोलिए