Font by Mehr Nastaliq Web

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर
Shakeel Jamali's Photo'

शकील जमाली

1958 | दिल्ली, भारत

संजीदा सोच के लोकप्रिय शायर।

संजीदा सोच के लोकप्रिय शायर।

शकील जमाली

ग़ज़ल 30

नज़्म 1

 

अशआर 23

इक बीमार वसिय्यत करने वाला है

रिश्ते-नाते जीभ निकाले बैठे हैं

  • शेयर कीजिए

ग़म के पीछे मारे मारे फिरना क्या

ये दौलत तो घर बैठे जाती है

ज़िंदगी ऐसे भी हालात बना देती है

लोग साँसों का कफ़न ओढ़ के मर जाते हैं

सब से पहले दिल के ख़ाली-पन को भरना

पैसा सारी उम्र कमाया जा सकता है

हो गई है मिरी उजड़ी हुई दुनिया आबाद

मैं उसे ढूँढ रहा हूँ ये बताने के लिए

पुस्तकें 5

 

वीडियो 10

This video is playing from YouTube

वीडियो का सेक्शन
शायर अपना कलाम पढ़ते हुए

शकील जमाली

शकील जमाली

शकील जमाली

Shakil Jamali is a Poet from Delhi. He is reading his ghazals at a Nashist organized by Rekhta. शकील जमाली

शकील जमाली

Shakil Jamali is a Poet from Delhi. He is reading his ghazals at a Nashist organized by Rekhta. शकील जमाली

अगर हमारे ही दिल में ठिकाना चाहिए था

शकील जमाली

अश्क पीने के लिए ख़ाक उड़ाने के लिए

शकील जमाली

पेट की आग बुझाने का सबब कर रहे हैं

शकील जमाली

लोग कहते हैं कि इस खेल में सर जाते हैं

शकील जमाली

लोग कहते हैं कि इस खेल में सर जाते हैं

शकील जमाली

सब के होते हुए लगता है कि घर ख़ाली है

शकील जमाली

ऑडियो 9

अगर हमारे ही दिल में ठिकाना चाहिए था

अल्फ़ाज़ नर्म हो गए लहजे बदल गए

आ ही जाएगी सहर मतला-ए-इम्काँ तो खुला

Recitation

 

Recitation

Jashn-e-Rekhta | 13-14-15 December 2024 - Jawaharlal Nehru Stadium , Gate No. 1, New Delhi

Get Tickets
बोलिए