Font by Mehr Nastaliq Web

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर
noImage

सय्यद बासित हुसैन माहिर लखनवी

सय्यद बासित हुसैन माहिर लखनवी के शेर

हमें तो याद नहीं कोई लम्हा-ए-इशरत

कभी तुम्हीं ने किसी दिन हँसा दिया होगा

दिल की हर बात कह गए आँसू

गिर के आँखों से रह गए आँसू

देख कर काली घटा अहल-ए-क़फ़स

और क्या करते तड़प कर रह गए

तर्क-ए-उल्फ़त से मोहब्बत का लिखा मिट सका

वही अफ़्सुर्दगी-ए-शाम-ओ-सहर आज भी है

फिरती है तो फिर जाए बदलती है तो बदले

दुनिया की नज़र है मिरी क़िस्मत तो नहीं है

कमर बाँधो मुक़द्दर के सहारे बैठने वालो

शिकस्त-ए-रज़्म से राहों का पेच-ओ-ख़म बदलेगा

Recitation

Jashn-e-Rekhta | 13-14-15 December 2024 - Jawaharlal Nehru Stadium , Gate No. 1, New Delhi

Get Tickets
बोलिए