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हास्य शायरी
राजा मेहदी अली ख़ाँ
नज़्म
हिण्डोला
दयार-ए-हिन्द था गहवारा याद है हमदम
बहुत ज़माना हुआ किस के किस के बचपन का
फ़िराक़ गोरखपुरी
समस्त