आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "al jihad fil islam sayyad abul ala maudoodi ebooks"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "al jihad fil islam sayyad abul ala maudoodi ebooks"
ग़ज़ल
'सय्यद' तुम्हारे ग़म की किसी को ख़बर नहीं
हो भी ख़बर किसी को तो समझो ख़बर नहीं
मुज़फ्फर अली सय्यद
ग़ज़ल
फूलों की बरसात हुई है और कुछ पत्थर आए हैं
इस बस्ती में हम दीवाने सोच समझ कर आए हैं
नाज़िम जाफ़री
ग़ज़ल
मेरी सोच लरज़ उट्ठी है देख के प्यार का ये 'आलम
तेरी आँखों से टपका है आँसू बन कर मेरा ग़म
आरिफ़ अब्दुल मतीन
ग़ज़ल
हम नहीं मिलते नहीं मिलते हैं हम शाम के बा'द
फिर भी आ जाते हैं कुछ अहल-ए-करम शाम के बा'द
अब्दुल क़ादिर
ग़ज़ल
इंसाफ़ की गर्दन पर ख़ंजर ख़ुद चलते देखा क्या कहिए
अहबाब-परस्ती के चक्कर में पड़ गई दुनिया क्या कहिये
अबुल फ़ितरत मीर ज़ैदी
ग़ज़ल
चाँद का रक़्स सितारों का फ़ुसूँ माँगती है
ज़िंदगी फिर कोई अंदाज़-ए-जुनूँ माँगती है
अबु मोहम्मद सहर
ग़ज़ल
उम्र-ए-फ़ानी को हयात-ए-जाविदाँ समझा था मैं
थी ख़िज़ाँ जिस को बहार-ए-गुलसिताँ समझा था मैं
अब्दुल क़य्यूम ज़की औरंगाबादी
ग़ज़ल
चमन में जा-जा के रंडियों को पिलाओगे यूँ शराब कब तक
कबाब खा-खा के सौत के तुम करोगे हम को कबाब कब तक
मोहसिन ख़ान मोहसिन
ग़ज़ल
घर से निकले हैं किसी ज़ालिम के ख़्वाहाँ हो के हम
फिर रहे हैं आप अपने दुश्मन-ए-जाँ हो के हम