आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "maulana abul kalam azad hamari azad ebooks"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "maulana abul kalam azad hamari azad ebooks"
ग़ज़ल
मुक़द्दर ने कहाँ कोई नया पैग़ाम लिक्खा है
अज़ल ही से वरक़ पर दिल के तेरा नाम लिक्खा है
अब्दुल हफ़ीज़ साहिल क़ादरी
ग़ज़ल
सदा-ए-शौक़ सुकूत-ए-लबी से शर्मिंदा
दरूँ का शोर मिरी ख़ामुशी से शर्मिंदा
इफ़्तिख़ार शाहिद अबू साद
ग़ज़ल
फिर आया जाम-ब-कफ़ गुल-एज़ार ऐ वाइज़
शिकस्त-ए-तौबा की फिर है बहार ऐ वाइज़
अब्दुल रहमान एहसान देहलवी
ग़ज़ल
खुली जब आँख तो देखा कि दुनिया सर पे रक्खी है
ख़ुमार-ए-होश में समझे थे हम ठोकर पे रक्खी है
अब्दुल अहद साज़
ग़ज़ल
शुऊर-ए-इश्क़ हासिल हो तो जीने का शिआ'र आए
हमारे बाज़ूओं में आसमान-ए-बे-हिसार आए
अब्दुल मतीन नियाज़
ग़ज़ल
सदा-ए-शौक़ सुकूत-ए-लबी से शर्मिंदा
दरूँ का शोर मिरी ख़ामुशी से शर्मिंदा