आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "muu.ndii"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "muu.ndii"
ग़ज़ल
नज़ीर अकबराबादी
ग़ज़ल
गोल पगड़ी नीली लुंगी मूंछ मुंडी तकिया रीश
फिर वो रूमाल और वो अख़-थू नासदानी आप की
इंशा अल्लाह ख़ान इंशा
ग़ज़ल
मूँदी जो आँख मैं ने तो चश्म-ए-ज़माना से
छुप जाएगा वूंही मह-ए-ताबान-ए-शाएरी
मुसहफ़ी ग़ुलाम हमदानी
ग़ज़ल
ग़श चला आता है और आँख मुँदी जाती है
हम को क्या क्या मिरी बे-ताक़ती दिखलाती है
मिर्ज़ा मोहम्मद तक़ी हवस
ग़ज़ल
अहद-ए-जवानी रो रो काटा पीरी में लीं आँखें मूँद
या'नी रात बहुत थे जागे सुब्ह हुई आराम किया
मीर तक़ी मीर
ग़ज़ल
हम ऐसे सादा-दिलों की नियाज़-मंदी से
बुतों ने की हैं जहाँ में ख़ुदाइयाँ क्या क्या
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
ग़ज़ल
आँखें मूँद किनारे बैठो मन के रक्खो बंद किवाड़
'इंशा'-जी लो धागा लो और लब सी लो ख़ामोश रहो