आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "but-shikan"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "but-shikan"
ग़ज़ल
बुतों का साथ दिया बुत-शिकन का साथ दिया
फ़रेब-ए-इश्क़ ने हर हुस्न-ए-ज़न का साथ दिया
वफ़ा मलिकपुरी
ग़ज़ल
आया तो दिल में बैठ गया बन के देवता
उट्ठे नहीं हैं 'इश्क़-ए-दिल-ए-बुत-शिकन के पाँव
चंद्रशेखर पाण्डेय शम्स
ग़ज़ल
मिरा सज्दा है ज़र्ब-ए-बुत-शिकन पिंदार के सर पर
यहाँ इस राज़ से वाक़िफ़ कोई हम-सर नहीं मिलता
मुख़्तारुद्दीन
ग़ज़ल
ग़ज़नवी तो बुत-शिकन ठहरा मगर 'ख़ातिर' ये क्या
तेरे मस्लक में उसे सज्दा रवा कैसे हुआ
ख़ातिर ग़ज़नवी
ग़ज़ल
यूँ तराशे हैं सनम कुफ़्र के इस दुनिया ने
बुत-शिकन होता जो इस दौर में 'आज़र' होता