aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "دودھ"
जिन सीनों ने इन को दूध दिया उन सीनों को बेवपार कियाजिस कोख में इन का जिस्म ढला उस कोख का कारोबार किया
क्या मिलती दूध मलाई नहींये बात समझ में आई नहीं
(क्या मुश्किल है हो सकता है)इस बच्चे को कहीं दूध मिले
मुझे सुलाने को जो लोरियाँ भी गा न सकीवो माँ जो दूध भी अपना मुझे पिला न सकी
हर-सू ने'मत रक्खी देखीशहद और दूध की मक्खी देखी
चाँदनी और ये महल आलम-ए-हैरत की क़समदूध की नहर में जिस तरह उबाल आ जाए
दूध कम दूँ तो बड़बड़ाता हैहूँ जो दुबली तो बेच खाता है
दूध का दाँत गिरा था तो वहाँ भी देखाबोसकी बेटी मिरी चिकनी सी रेशम की डली
नए कपड़े खिलौने दूध की बोतल ख़रीदी थीबहुत बेचैन होता था जो तुम रातों को रोती थीं
बोल कि तेरे फल खाए हैंबोल कि तेरा दूध पिया है
भैंसों के लहू न था बदन मेंऔर दूध न था गऊ के थन में
उस मालिक को क्यूँ न पुकारेंजिस ने पिलाईं दूध की धारें
तोतली ज़बानों सेतुम ने दूध माँगा है
मुन्नी तेरे दाँत कहाँ हैंदाँत थे मैं ने दूध पिला कर सात बरस में पाले
डिब्बों का दूध पी कर बच्चे जो पल रहे हैंवो सब जवान हो कर बुड्ढे निकल रहे हैं
बातों में दूध की ख़ुशबू थीजो कुछ भी सैंत के रक्खा था
मेरे लिए आ और न ज़माने के लिए आबच्चे को फ़क़त दूध पिलाने के लिए आ
दूध की तरह कुँवारी थी ज़मिस्ताँ की वो रातजब तिरे शबनमी आरिज़ ने दहकना सीखा
इशरतें पास हुईं दूर हुए मन के रोगखाए जब माल-पूए दूध दही मोहन-भोग
गर ज़रा सुस्त देखूँगी तुम कोदूध हरगिज़ न बख़्शूँगी तुम को
Jashn-e-Rekhta | 8-9-10 December 2023 - Major Dhyan Chand National Stadium, Near India Gate - New Delhi
Devoted to the preservation & promotion of Urdu
A Trilingual Treasure of Urdu Words
Online Treasure of Sufi and Sant Poetry
World of Hindi language and literature
The best way to learn Urdu online
Best of Urdu & Hindi Books