आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "مزاج_آدمی"
नज़्म के संबंधित परिणाम "مزاج_آدمی"
नज़्म
जिस पे भी डालूँ नज़र वो शख़्स घबराया लगे
जिस को देखूँ ज़िंदगी से जैसे तंग आया लगे
नज़ीर फ़तेहपूरी
नज़्म
आदमी-ज़ादे किसी रंग किसी नक़्श का पाबंद न हो
ज़ीस्त ठहरा हुआ जौहड़ नहीं मव्वाज-ओ-रवाँ दरिया है
ज़िया जालंधरी
नज़्म
वही प्यारे मधुर अल्फ़ाज़ मीठी रस-भरी बातें
वही रौशन रुपहले दिन वही महकी हुई रातें