आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "ہوس_سیر_و_تماشا"
नज़्म के संबंधित परिणाम "ہوس_سیر_و_تماشا"
नज़्म
अमीर औरंगाबादी
नज़्म
महरम-ए-शबनम रफ़ीक़-ए-लाला-ए-सहरा हूँ मैं
हम-नशीन-ए-यासमीन-ओ-नर्गिस-ए-शहला हूँ मैं
अफ़सर सीमाबी अहमद नगरी
नज़्म
हाँ ऐ मसाफ़-ए-हस्ती! मत पूछ मुझ से क्या हूँ
इक अर्सा-ए-बला हूँ इक लुक़मा-ए-फ़ना हूँ
ग़ुलाम भीक नैरंग
नज़्म
चली आती है अब तो हर कहीं बाज़ार की राखी
सुनहरी सब्ज़ रेशम ज़र्द और गुलनार की राखी
नज़ीर अकबराबादी
नज़्म
मैं इस ख़याल में था बुझ चुकी है आतिश-ए-दर्द
भड़क रही थी मिरे दिल में जो ज़माने से