आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "मुअज़्ज़िज़"
नज़्म के संबंधित परिणाम "मुअज़्ज़िज़"
नज़्म
वो ज़माने में मुअज़्ज़िज़ थे मुसलमाँ हो कर
और तुम ख़्वार हुए तारिक-ए-क़ुरआँ हो कर
अल्लामा इक़बाल
नज़्म
ताक़ में शम्अ के आँसू हैं अभी तक बाक़ी
अब मुसल्ला है न मिम्बर न मुअज़्ज़िन न इमाम
अख़्तरुल ईमान
नज़्म
नद्दियाँ बर्फ़ों की चाँदी में छुपी हैं
मुंसिफ़ों जैसे मुअज़्ज़िज़ ये पहाड़ और उन के हम-साया शजर
असग़र नदीम सय्यद
नज़्म
मुस्कुराते हुए मेरे गिर्यां दिनों की थकन चूम ले
शाम की सरहदों से मुअज़्ज़िन पुकारे तो
जावेद अनवर
नज़्म
वो संग-लाख़ वादी का दुख है
और शिकस्ता-हाल झोंपड़ी एक मुअज़्ज़िज़ शाइ'र की काएनात है