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नज़्म
रुख़्सत हुआ वो बाप से ले कर ख़ुदा का नाम
राह-ए-वफ़ा की मंज़िल-ए-अव्वल हुई तमाम
चकबस्त ब्रिज नारायण
नज़्म
नहीं मालूम 'ज़रयून' अब तुम्हारी उम्र क्या होगी
वो किन ख़्वाबों से जाने आश्ना ना-आश्ना होगी
जौन एलिया
नज़्म
ग़ुंचा-ए-दिल मर्द का रोज़-ए-अज़ल जब खुल चुका
जिस क़दर तक़दीर में लिक्खा हुआ था मिल चुका
जोश मलीहाबादी
नज़्म
कल हुआ शब को जो मिंटो रोड पर मेरा गुज़र
इक दुकाँ पर इत्तिफ़ाक़न इक तबीब आया नज़र
सय्यद हुसैन अली जाफ़री
नज़्म
राद हूँ बर्क़ हूँ बेचैन हूँ पारा हूँ मैं
ख़ुद-प्रुस्तार, ख़ुद-आगाह ख़ुद-आरा हूँ मैं
मख़दूम मुहिउद्दीन
नज़्म
कोई मुख़्लिस मुझे तुझ सा न मिला तेरे बाद
याद आती है बहुत तेरी वफ़ा तेरे बाद
ज़ाहिदा ख़ातून शरवानिया
नज़्म
अपनी हस्ती को न समझा जो वो इंसाँ हूँ में
कौन हूँ क्या हूँ उसे सोच के हैराँ हूँ में