आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "fan e shairi arastu ebooks"
नज़्म के संबंधित परिणाम "fan e shairi arastu ebooks"
नज़्म
शिद्दत-ए-दर्द-ओ-अलम से जब भी घबराता हूँ मैं
तेरे नग़्मों की घनी छाँव में आ जाता हूँ मैं
ओम प्रकाश बजाज
नज़्म
रिफ़अत सरोश
नज़्म
इब्न-ए-इंशा
नज़्म
ये अक़ीदा हिंदुओं का है निहायत ही क़दीम
जब कभी मज़हब की हालत होती है ज़ार-ओ-सक़ीम
जगत मोहन लाल रवाँ
नज़्म
यूँ तो हर शाइ'र की फ़ितरत में है कुछ दीवानगी
ग़ैर ज़िम्मेदारियाँ हैं उस की जुज़्व-ए-ज़िंदगी
रज़ा नक़वी वाही
नज़्म
था ये जौहर तेरी फ़ितरी शाइरी के रूतबा-दाँ
इज़्ज़त-ए-फ़न थी तिरी नाज़ुक-मिज़ाजी में निहाँ