आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "qasr"
नज़्म के संबंधित परिणाम "qasr"
नज़्म
रात हँस हँस कर ये कहती है कि मय-ख़ाने में चल
फिर किसी शहनाज़-ए-लाला-रुख़ के काशाने में चल
असरार-उल-हक़ मजाज़
नज़्म
नहीं तेरा नशेमन क़स्र-ए-सुल्तानी के गुम्बद पर
तू शाहीं है बसेरा कर पहाड़ों की चटानों में
अल्लामा इक़बाल
नज़्म
तिरी चीन-ए-जबीं ख़ुद इक सज़ा क़ानून-ए-फ़ितरत में
इसी शमशीर से कार-ए-सज़ा लेती तो अच्छा था
असरार-उल-हक़ मजाज़
नज़्म
न तूफ़ाँ रोक सकते हैं न आँधी रोक सकती है
मगर फिर भी मैं उस क़स्र-ए-हसीं तक जा नहीं सकता
असरार-उल-हक़ मजाज़
नज़्म
असरार-उल-हक़ मजाज़
नज़्म
क़स्र-ए-गीती में उमँड आया है तूफ़ान-ए-हयात
मौत लर्ज़ां है पस-ए-पर्दा-ए-दर आज की रात