आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "shakar"
नज़्म के संबंधित परिणाम "shakar"
नज़्म
ऐ ग़ाफ़िल तुझ से भी चढ़ता इक और बड़ा ब्योपारी है
क्या शक्कर मिस्री क़ंद गरी क्या सांभर मीठा खारी है
नज़ीर अकबराबादी
नज़्म
जो मिस्री और के मुँह में दे फिर वो भी शक्कर खाता है
जो और तईं अब टक्कर दे फिर वो भी टक्कर खाता है
नज़ीर अकबराबादी
नज़्म
शजर-ए-फ़ितरत-ए-मुस्लिम था हया से नमनाक
था शुजाअत में वो इक हस्ती-ए-फ़ोक़-उल-इदराक
अल्लामा इक़बाल
नज़्म
इन में सच्चे मोती भी हैं, इन में कंकर पत्थर भी
इन में उथले पानी भी हैं, इन में गहरे सागर भी
इब्न-ए-इंशा
नज़्म
सागर से उभरी लहर हूँ मैं सागर में फिर खो जाऊँगा
मिट्टी की रूह का सपना हूँ मिट्टी में फिर सो जाऊँगा
साहिर लुधियानवी
नज़्म
जैसे मुफ़्लिस की जवानी जैसे बेवा का शबाब
ऐ ग़म-ए-दिल क्या करूँ ऐ वहशत-ए-दिल क्या करूँ