ग़ज़ल-कल्पना की ख़ूबसूरती
ग़ज़ल का सफ़र बहुत पुराना
है | इस सफ़र में ग़ज़ल का शिल्प वही रहा किन्तु उसके विषय बदलते गए | ग़ज़ल का इतने वक़्त तक बने रहने की एक वजह ये भी है कि इस शिल्प ने शायरों को काफ़ी आज़ादी दी, जिससे वे अपनी कल्पनाओं को ख़ूबसूरत रूप दे सके |
aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
है | इस सफ़र में ग़ज़ल का शिल्प वही रहा किन्तु उसके विषय बदलते गए | ग़ज़ल का इतने वक़्त तक बने रहने की एक वजह ये भी है कि इस शिल्प ने शायरों को काफ़ी आज़ादी दी, जिससे वे अपनी कल्पनाओं को ख़ूबसूरत रूप दे सके |
Jashn-e-Rekhta | 13-14-15 December 2024 - Jawaharlal Nehru Stadium , Gate No. 1, New Delhi
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