आरज़ू पर क़तआ'त

आरज़ूएं, तमन्नाएं, ख़्वाहिशें

ज़िन्दगी में इतने रंग भरती हैं जिनका शुमार भी मुश्किल है। ज़िन्दगी के यही रंग जब शायरी मे ढलते हैं तो कमाल को हुस्न बिखेरते हैं। आरज़ू शायरी के हज़ारों नमूने उर्दू के हर दौर की शायरी में मौजूद हैं। रेख़्ता पर आरज़ू शायरी का यह ख़ूबसूरत गुलदस्ता हाज़िर हैः

Jashn-e-Rekhta | 2-3-4 December 2022 - Major Dhyan Chand National Stadium, Near India Gate, New Delhi

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